स्लिप डिस्क क्या है?
Dr.Pradeep Kumawat ,M.S.(Ortho): स्लिप डिस्क क्या है?रीढ़ की हड्डी में मौजूद हड्डियों (Vertebrae: कशेरुका) को सहारा देने के लिए छोटी-छोटी गद्देदार डिस्क होती हैं जो रीढ़ की हड्डी को झटकों से बचाती हैं और उसे लचीला रखती हैं लेकिन जब एक डिस्क क्षतिग्रस्त हो जाती है तो यह सूज या टूट कर खुल सकती है जिसे स्लिप डिस्क कहते हैं। स्लिप डिस्क का मतलब यह नहीं है कि डिस्क अपनी जगह से फिसल जाती है इसका मतलब है कि डिस्क अपनी सामान्य सीमाओं से आगे बढ़ जाती है या फूल जाती है या फिर डिस्क की बाहरी दीवार छिज्ज जाती है जिससे उसमें मौजूद द्रव (न्यूक्लियस पल्पोसस: Nucleus Pulposus) का रिसाव रीढ़ की हड्डी या नज़दीकी तंत्रिका पर हो जाता है। स्लिप डिस्क से एक हाथ या पैर में स्तब्धता या कमज़ोरी हो सकती है।**स्लिप डिस्क के प्रकार -(Types of slip disc) स्लिप डिस्क के मुख्य तीन प्रकार हैं -** 1. सर्वाइकल डिस्क स्लिप (Cervical disc slip)सर्वाइकल डिस्क स्लिप गर्दन में होता है और पांचवीं व छठी (सी5/6) और छठी व सातवीं (सी6/7) कशेरुका (Vertebrae) के बीच होता है। इससे सिर के पिछले भाग, गर्दन, कंधे की हड्डी, बांह और हाथ में दर्द होता है।2. थोरैसिक डिस्क स्लिप (Thoracic disc slip)थोरैसिक डिस्क स्लिप रीढ़ की हड्डी के बीच के भाग में आस-पास से दबाव पड़ने पर होता है। हालांकि, इसकी होने की संभावनाएं बहुत कम है। इससे पीठ के मध्य और कंधे के क्षेत्र में दर्द होता है और यह टी1 से टी12 कशेरुका (Vertebrae) के क्षेत्र को प्रभावित करता है। कभी-कभी दर्द स्लिप डिस्क क्षेत्र से पैरों, कूल्हे और पैर के पंजे तक भी जा सकता है।3. लंबर डिस्क स्लिप (Lumbar disc slip)लंबर डिस्क स्लिप रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में होती है, अक्सर चौथी और पांचवीं कशेरुका (Vertebrae) के बीच या पांचवी कशेरुका और सेक्रम (कमर के पीछे की तिकोने हड्डी) के बीच। इससे पीठ के निचले हिस्से, कूल्हे, जांघ, गुदा/जननांग क्षेत्र (पेरिनियल तंत्रिका के माध्यम से) में दर्द होता है और पैर और/या पैर की अंगुली में भी जा सकता है। **स्लिप डिस्क के चरण – (Stages of Slipped Disc )* स्लिप डिस्क के मुख्य तीन चरण हैं -* 1.पहला चरण-जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, डिस्क का निर्जलीकरण शुरू हो जाता है जिससे उसका लचीलापन कम हो जाता है और वह कमज़ोर हो जाती है।2. दूसरा चरण-समय के साथ डिस्क की रेशेदार परत(Annulus fibrosus) में दरारें आने लगती हैं जिससे उसके अंदर का द्रव या तो बाहर आने लगता है या उससे बुलबुला बन जाता है।3. तीसरा चरण-इस चरण में न्यूक्लिअस का एक भाग टूट जाता है परन्तु फिर भी वह डिस्क के अंदर ही रहता है।4. चौथा चरण-अंत में, डिस्क के अंदर का द्रव (न्यूक्लियस पल्पोसस) कठोर बाहरी परत से बाहर आने लगता है और मेरूरज्जू ( spinal cord) पर उसका दबाव पड़ने लगता है। *स्लिप डिस्क के लक्षण – (Slipped Disc Symptoms)* आपको आपकी रीढ़ की हड्डी के किसी भी हिस्से में स्लिप डिस्क हो सकती है (गर्दन से लेकर पीठ के निचले हिस्से तक) लेकिन पीठ के निचले हिस्से में यह सबसे आम है। रीढ़ की हड्डी, तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं का एक पेचीदा जाल-तंत्र होता है। स्लिप डिस्क तंत्रिकाओं और मांसपेशियों पर और इनके आस-पास असामान्य रूप से दबाव डाल सकती है।स्लिप डिस्क के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं -1.शरीर के एक तरफ के हिस्से में दर्द या सुन्नपन होना।2. आपके हाथ या पैरों तक दर्द का फैलना।3. रात के समय दर्द बढ़ जाना या कुछ गतिविधियों में ज़्यादा दर्द होना।4. खड़े होने या बैठने के बाद दर्द का ज़्यादा हो जाना।5. थोड़ी दूरी पर चलते समय दर्द होना।6. अस्पष्टीकृत मांसपेशियों की कमज़ोरी।7. प्रभावित क्षेत्र में झुनझुनी, दर्द या जलन।दर्द के प्रकार व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं। यदि आपको दर्द से स्तब्धता या झुनझुनी होती है जो आपकी मांसपेशियों को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करता है तो अपने चिकित्सक से सलाह लें। *स्लिप डिस्क के कारण – Slipped Disc Causes* स्लिप डिस्क के मुख्य तीन कारण हैं -1. डिस्क का क्षरण(Degeneration)-हमारी पीठ हमारे शरीर के भार को बांटती है और रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क अलग-अलग गतिविधियों में लगने वाले झटकों से हमें बचाती हैं इसीलिए वे समय के साथ कमज़ोर हो जाती हैं। डिस्क की बाहरी कठोर परत कमज़ोर होने लगती है जिससे उसमें उभार आता है जिससे स्लिप डिस्क हो जाती है।2.चोट लगना( Trauma)- स्लिप डिस्क चोट लगने की वजह से भी हो सकती है। अचानक झटका या धक्का लगना या किसी भारी वस्तु को ग़लत ढंग से उठाने के कारण आपकी डिस्क पर असामान्य दबाव पड़ सकता है जिससे स्लिप डिस्क हो सकती है।3. क्षरण और चोट लगने का संयोजन- ऐसा भी हो सकता है कि उम्र के साथ आपकी डिस्क का क्षरण इतना अधिक हो गया हो कि हलके से झटके (जैसे कि छींकना) के कारण भी आपको स्लिप डिस्क हो जाए। *स्लिप डिस्क से बचाव – (Prevention of Slipped Disc)* -स्लिप डिस्क के जोखिम को कम करने के कुछ तरीके हैं -1. शरीर का एक स्वस्थ वज़न बनाये रखें जिससे आपकी पीठ के निचले हिस्से पर दबाव कम हो सकता है।2. नियमित रूप से व्यायाम करें।3. धूम्रपान छोड़ें – निकोटीन आपकी पीठ में डिस्क को नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि यह पोषक तत्वों को अवशोषित करने की डिस्क्स की क्षमता को कम करता है और डिस्क सूख सकती हैं और भुरभुरी( fragile)हो सकती हैं।4. वज़न उठाने के लिए सही तकनीक का उपयोग करें।खाली झुकने या टेढ़े बैठने से ही पीठ दर्द नहीं हो सकता लेकिन यदि पीठ पर चोट आई है तो गलत तरीके से बैठने से दर्द और बढ़ सकता है।5. खड़े होने या चलने के दौरान अपने कान, कंधों, और कूल्हे एक सीधी रेखा में रखें।6. बैठने पर अपनी पीठ को सुरक्षित रखें। अपनी पीठ और कुर्सी के बीच एक छोटा तकिया या तौलिये को गोल करके रखें।7. नींद में अपनी पीठ को सही स्थिति में रखें। एक तरफ सोते समय घुटनों के बीच एक तकिया रखें। *स्लिप डिस्क का परीक्षण – (Diagnosis of Slipped Disc )* स्लिप डिस्क का निदान निम्नलिखित तरीकों से होता है -1. शारीरिक जाँचआपकी अनैच्छिक गतिविधियां, मांसपेशियों की मज़बूती, चलने की क्षमता और महसूस करने की क्षमता जांचने के लिए शारीरिक जाँच।2. एक्स-रे (X-ray)खाली एक्स-रे स्लिप डिस्क का निदान नहीं कर पाते हैं, लेकिन यह जांचने के लिए कि किसी अन्य वजह से पीठ दर्द नहीं है, एक्स-रे का इस्तेमाल किया जाता है। 2. एमआरआई (MRI)इसमें रेडियो तरंगों और एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करके आपके शरीर की आंतरिक संरचनाओं की छवियां बनाई जाती हैं। इस टेस्ट का उपयोग स्लिप डिस्क के स्थान की पुष्टि करने के लिए किया जा सकता है और यह देखने के लिए कि तंत्रिका किस प्रकार प्रभावित हो रही है।3. मायेलोग्राम (Myelogram)इसमें एक dye को रीढ़ की हड्डी के तरल पदार्थ में इंजेक्ट किया जाता है और फिर एक्स-रे लिए जाते हैं। यह परीक्षण आपकी रीढ़ की हड्डी या नसों पर स्लिप डिस्क के कारण दबाव दिखा सकता है *स्लिप डिस्क का इलाज – (Slipped Disc Treatment)* स्लिप डिस्क का उपचार आमतौर पर आपकी असुविधा और अनुभव के स्तर पर निर्भर करता है। इसके उपचार निम्नलिखित हैं -1. अधिकांश लोग चिकित्सक द्वारा बताये गए ऐसे व्यायाम करके स्लिप डिस्क के दर्द को सुधार सकते हैं जो पीठ और आस-पास की मांसपेशियों को मज़बूत बनाते हैं।2 केमिस्ट के पास मिलने वाली दर्द निवारक गोलियां लेने से और भारी चीज़ें न उठाने से स्लिप डिस्क के दर्द में राहत मिल सकती है।यदि दर्द निवारक गोलियां आपके लक्षणों पर प्रभाव नहीं डालती हैं तो आपके डॉक्टर आपको कोई अन्य दवाएं लेने के लिए भी कह सकते हैं। जैसे- मांसपेशियों के ऐंठन को राहत देने के लिए दवाएं; दर्द को दूर करने के लिए मादक द्रव; गाबापेंटीन (Gabapentin) या ड्युलोकसेटाईन (Duloxetine) जैसी तंत्रिका के दर्द के लिए दवाएं।अगर आपके लक्षण 6 सप्ताह में नहीं सुधरते या आपकी मांसपेशियों की गतिविधियों पर स्लिप डिस्क का प्रभाव पड़ता है तो आपके डॉक्टर आपको सर्जरी का उपाय भी दे सकते हैं। आपका सर्जन पूरे डिस्क को हटाए बिना केवल डिस्क के क्षतिग्रस्त भाग को निकाल सकता है। इसे माइक्रोडिसकेक्टमी (Microdiskectomy) कहा जाता है।अधिक गंभीर मामलों में, आपका डॉक्टर एक आपकी पहले वाली डिस्क को बदल कर एक कृत्रिम डिस्क लगा सकते हैं या डिस्क को निकालकर कशेरुकाओं को एक साथ मिला सकते हैं। *स्लिप डिस्क की जटिलताएं – (Slipped Disc risk factors & Complications)* स्लिप डिस्क के जोखिम को बढाने वाले कारण हैं -1.उम्र-35 से 50 वर्षों के बीच की उम्र के लोगों को स्लिप डिस्क होने की संभावनाएं अधिक होती हैं।2. लिंग-महिलाओं की तुलना में पुरुषों को स्लिप डिस्क का जोखिम लगभग दुगना होता है।3. वज़न-शरीर का ज़्यादा वज़न आपके शरीर के निचले हिस्से में डिस्क पर तनाव का कारण बनता है।4. व्यवसाय-जिन व्यवसायों में शारीरिक क्षमता की ज़्यादा आवश्यकता होती है, उन लोगों को स्लिप डिस्क होने का जोखिम ज़्यादा होता है।5. जेनेटिक्स-कुछ लोगों को स्लिप डिस्क अनुवांशिक वजह से होती है।स्लिप डिस्क की जटिलताएं -एक अनुपचारित, गंभीर स्लिप डिस्क से स्थायीरूप से तंत्रिका क्षति हो सकती है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में, स्लिप डिस्क के कारण आप आंत्र या मूत्राशय नियंत्रण खो सकते हैं।अनुपचारित स्लिप डिस्क से सैडल एनेस्थीसिया भी हो सकता है जिसमें आप आपकी जांघों के अंदरूनी भाग, पैरों के पीछे के हिस्से और मलाशय के आसपास महसूस करने की क्षमता खो सकते हैं। *स्लिप डिस्क में परहेज़ – What to avoid during Slipped Disc ?* स्लिप डिस्क में निम्लिखित परहेज़ करें -1.ज़्यादा आराम करें और गतिविधियों से बचें। कोई भी ऐसी गतिविधि न करें जो आपके लक्षणों को बढ़ा सकती है।2 ज़्यादा समय के लिए खड़े या बैठे रहने से बचें, क्योंकि इससे आपकी रीढ़ की हड्डी पर तनाव बढ़ सकता है।3. चोट लगने के बाद कुछ समय के लिए पेट के बल न लेटें। *स्लिप डिस्क में क्या खाना चाहिए? – What to eat during Slipped Disc ?* स्लिप डिस्क में निम्लिखित खाद्य पदार्थ लाभकारी हैं -विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन डी में समृद्ध खाद्य पदार्थ।ग्लूकोसामाइन और कोनड्रोइटिन युक्त पूरक।कशेरुकाओं को स्वस्थ रखने के लिए आहार में पर्याप्त कैल्शियम लें।सामान्य तौर पर, आहार में सब्जियां, फल और लीन प्रोटीन जैसे मछली, चिकन और फलियां लेने चाहिए
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